जॉइंट कमीशन इंटरनेशनल से मान्यता प्राप्त राजस्थान के एकमात्र अस्पताल इटर्नल हॉस्पिटल में देश की सबसे अनुभवी कार्डियक टीम है और अब इस टीम में डॉ. प्रशांत द्विवेदी का नाम भी जुड़ गया है। इटर्नल हॉस्पिटल में देश के सबसे एडवांस स्ट्रक्चरल एंड हार्ट डिजीज विभाग में विशेषज्ञ के रूप में डॉ. प्रशांत द्विवेदी विश्वस्तरीय इलाज को देश में उपलब्ध कराने के हमारे प्रयास को और बेहतर करेंगे।
मध्यप्रदेश के छोटे से जिले टीकमगढ़ में जन्में डॉ. प्रशांत ने अपनी काबिलियत से अमेरिका तक का सफर तय किया और स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज जैसी जटिल विशेषज्ञता हासिल की। उनके पिता श्री एलएल द्विवेदी गर्वमेंट इंजीनियर रह चुके हैं और पढ़ाई का महत्व अच्छे से जानते थे। घर में पढ़ाई लिखाई के बेहतर माहौल मिलने के कारण वे हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। डॉ. प्रशांत ने इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल से एमबीबीएस और एमडी मेडिसिन किया। इसी दौरान उन्होंने कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का निर्णय लिया और लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, जो देश के सबसे पुराने और टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूशन में से एक है, वहां से कार्डियोलॉजी में डीएम किया। (वीडियो के बीच में डॉ. प्रशांत के लिए बाइट -- मेडिकल की पढ़ाई के दौरान ही मेरा कार्डियोलॉजी में आगे जाने का मन था क्योंकि यह एक ऐसी स्पेशियलिटी है जिसमें आप अपने एफर्ट से पेशेंट की सीवियर सिचुएशन में भी तुरंत सुधार ला सकते हैं। मेरा यही उद्देश्य था कि हार्ट डिजीज से जूझ रहे लाखों मरीजों के इलाज में अपना सहयोग भी दे सकूं।) शुरूआत से ही पढ़ाई में मेधावी छात्र रहे डॉ. प्रशांत द्विवेदी एमडी और डीएम में गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।
कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में आने के बाद से ही डॉ. प्रशांत द्विवेदी प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीन शर्मा से काफी प्रभावित रहे हैं। डॉ. समीन शर्मा के नेतृत्व में कार्डियोलॉजी की अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से डॉ. प्रशांत द्विवेदी इटर्नल हॉस्पिटल के साथ जुड़े और डॉ. समीन शर्मा को उनके साथ काम काम करने की इच्छा जताई। अमेरिका में कार्डियोलॉजी की सबसे मुश्किल फैलोशिप में से एक स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज फैलोशिप करने के लिए उन्होंने अप्लाई किया और अमेरिका के सबसे कठिन एग्जाम, युनाइटेड स्टेट्स मेडिकल लाइसेंस एग्जाम को पास किया। चार एग्जाम और एक कठिन इंटरव्यू को पास कर उन्होंने न्यूयॉर्क के माउंट सिनाय हॉस्पिटल से कॉम्पलेक्स एंजियोप्लास्टी और स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज की फैलोशिप प्राप्त की। फैलोशिप पूरी होने के बाद डॉ. प्रशांत द्विवेदी के पास अमेरिका में ही स्थापित होने का पूरा अवसर था लेकिन देश में हेल्थ सर्विसेज बेहतर करने के लिए उन्होंने अपने देश लौटने का निर्णय लिया।
डॉ. प्रशांत देश के उन गिने-चुने विशेषज्ञों में शुमार हैं जिन्होंने स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज पर फैलोशिप प्राप्त की है। डॉ. प्रशांत को 300 से अधिक बिना सर्जरी के हार्ट वॉल्व बदलने का प्रोसीजर जिसे टावी कहा जाता है, का अनुभव है। हार्ट के एओर्टिक वॉल्व के ट्रीटमेंट टावी के अलावा डॉ. प्रशांत द्विवेदी माइट्रल क्लिप और टीएमवीआर और कॉम्पलेक्स कोरोनरी एंजियोप्लास्टी जैसे जटिल प्रोसीजर भी सफलतापूर्वक करने का अनुभव है। अमेरिका से प्राप्त लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के नॉलेज को भारत में अधिक से अधिक डॉक्टर्स तक पहुंचाने के लिए वे देशभर में लेक्चर्स दे रहे हैं। इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी में उनकी एक्सपर्टीज के कारण देश के कई अस्पतालों में उन्हें जटिल प्रोसीजर करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। डॉ. प्रशांत द्विवेदी अब जयपुर में इटर्नल हॉस्पिटल से आमजन तक कार्डियोलॉजी से जुड़ी वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट फैसिलिटी उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं।
डॉ. समीन सर हमेशा से मेरे लिए इंस्पीरेशनल रहे हैं। फैलोशिप पूरी करके वापस इंडिया ही आना था क्योंकि आज भी एक बड़े तबके तक बेहतर हेल्थ फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है और इटर्नल हॉस्पिटल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल से अच्छी हेल्थ सर्विस दे सकते हैं।
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मध्यप्रदेश के छोटे से जिले टीकमगढ़ में जन्में डॉ. प्रशांत ने अपनी काबिलियत से अमेरिका तक का सफर तय किया और स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज जैसी जटिल विशेषज्ञता हासिल की। उनके पिता श्री एलएल द्विवेदी गर्वमेंट इंजीनियर रह चुके हैं और पढ़ाई का महत्व अच्छे से जानते थे। घर में पढ़ाई लिखाई के बेहतर माहौल मिलने के कारण वे हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। डॉ. प्रशांत ने इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल से एमबीबीएस और एमडी मेडिसिन किया। इसी दौरान उन्होंने कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का निर्णय लिया और लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, जो देश के सबसे पुराने और टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूशन में से एक है, वहां से कार्डियोलॉजी में डीएम किया। (वीडियो के बीच में डॉ. प्रशांत के लिए बाइट -- मेडिकल की पढ़ाई के दौरान ही मेरा कार्डियोलॉजी में आगे जाने का मन था क्योंकि यह एक ऐसी स्पेशियलिटी है जिसमें आप अपने एफर्ट से पेशेंट की सीवियर सिचुएशन में भी तुरंत सुधार ला सकते हैं। मेरा यही उद्देश्य था कि हार्ट डिजीज से जूझ रहे लाखों मरीजों के इलाज में अपना सहयोग भी दे सकूं।) शुरूआत से ही पढ़ाई में मेधावी छात्र रहे डॉ. प्रशांत द्विवेदी एमडी और डीएम में गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे हैं।
कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में आने के बाद से ही डॉ. प्रशांत द्विवेदी प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीन शर्मा से काफी प्रभावित रहे हैं। डॉ. समीन शर्मा के नेतृत्व में कार्डियोलॉजी की अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से डॉ. प्रशांत द्विवेदी इटर्नल हॉस्पिटल के साथ जुड़े और डॉ. समीन शर्मा को उनके साथ काम काम करने की इच्छा जताई। अमेरिका में कार्डियोलॉजी की सबसे मुश्किल फैलोशिप में से एक स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज फैलोशिप करने के लिए उन्होंने अप्लाई किया और अमेरिका के सबसे कठिन एग्जाम, युनाइटेड स्टेट्स मेडिकल लाइसेंस एग्जाम को पास किया। चार एग्जाम और एक कठिन इंटरव्यू को पास कर उन्होंने न्यूयॉर्क के माउंट सिनाय हॉस्पिटल से कॉम्पलेक्स एंजियोप्लास्टी और स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज की फैलोशिप प्राप्त की। फैलोशिप पूरी होने के बाद डॉ. प्रशांत द्विवेदी के पास अमेरिका में ही स्थापित होने का पूरा अवसर था लेकिन देश में हेल्थ सर्विसेज बेहतर करने के लिए उन्होंने अपने देश लौटने का निर्णय लिया।
डॉ. प्रशांत देश के उन गिने-चुने विशेषज्ञों में शुमार हैं जिन्होंने स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज पर फैलोशिप प्राप्त की है। डॉ. प्रशांत को 300 से अधिक बिना सर्जरी के हार्ट वॉल्व बदलने का प्रोसीजर जिसे टावी कहा जाता है, का अनुभव है। हार्ट के एओर्टिक वॉल्व के ट्रीटमेंट टावी के अलावा डॉ. प्रशांत द्विवेदी माइट्रल क्लिप और टीएमवीआर और कॉम्पलेक्स कोरोनरी एंजियोप्लास्टी जैसे जटिल प्रोसीजर भी सफलतापूर्वक करने का अनुभव है। अमेरिका से प्राप्त लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के नॉलेज को भारत में अधिक से अधिक डॉक्टर्स तक पहुंचाने के लिए वे देशभर में लेक्चर्स दे रहे हैं। इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी में उनकी एक्सपर्टीज के कारण देश के कई अस्पतालों में उन्हें जटिल प्रोसीजर करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। डॉ. प्रशांत द्विवेदी अब जयपुर में इटर्नल हॉस्पिटल से आमजन तक कार्डियोलॉजी से जुड़ी वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट फैसिलिटी उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं।
डॉ. समीन सर हमेशा से मेरे लिए इंस्पीरेशनल रहे हैं। फैलोशिप पूरी करके वापस इंडिया ही आना था क्योंकि आज भी एक बड़े तबके तक बेहतर हेल्थ फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है और इटर्नल हॉस्पिटल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल से अच्छी हेल्थ सर्विस दे सकते हैं।
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